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आर्य वीर नेत्र चिकित्सालय
(पंजीकृत चैरिटेबल ट्रस्ट)
 
 
 
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आर्य वीर नेत्र चिकित्सालय

आर्य समाज का युवा संगठन आर्यवीर दल गुड़गाँव सेवा भावी युवा कार्यकर्त्ताओं का संगठन है। गुड़गाँव अतीत में एक छोटा नगर था। इस नगर में नेत्रा चिकित्सा का कोई विशेष प्रबन्ध् नहीं था। 1965 से लायन्स क्लब गुड़गाँव द्वारा आँखों के मुपफ्त नेत्रा आप्रेशन कैम्प का आयोजन किया जाता था। इन शिविरों का संचालन बाबू स्व0 यशपाल महेन्द्रु जी करते थे। आर्य वीर दल गुड़गाँव के कार्यकर्त्ता श्री रामचन्द्र आर्य एवम् श्री आत्म प्रकाश आर्य नगर नायक के नेतृत्व में रोगियों की सेवा हेतु इन शिविरों में जाते थे। 10 दिन तक रोगियों को कैम्प में रखा जाता था। कैम्पों में सेवा करते हुये आर्य वीर दल ने अनुभव किया कि मात्रा कैम्प लगा देने- आप्रेशन कर देने से ही सेवा पूरी नहीं होती। आप्रेशन के पश्चात् रोगी को चिकित्सकीय देखरेख की आवश्यकता लगभग 40 दिन तक होती थी। उन दिनों गुड़गाँव में कोई नेत्रा चिकित्सक नहीं था। मन में जब शिव संकल्प उठते है तो उन्हें पूरा कराने का रास्ता भी ईश्वर दिखाता है। विचार आते रहे कि नेत्रा चिकित्सालय आर्य वीर दल गुड़गाँव की ओर से चलाया जाये।

दिसम्बर 1969 में हमारा सम्पर्क डा0 टी.एन. आहूजा जी से हुआ। उस समय वे दिल्ली रहते थे। नेत्रा चिकित्सालय आरंभ करने के बारे में उनसे चर्चा हुई। सेवाभावी-सहृदय डा0 आहूजा जी ने हमारे उत्साह को बढ़ाते हुए आश्वासन दिया, ‘नेत्रा चिकित्सालय प्रारंभ कीजिये’, मैं सप्ताह में एक दिन आकर नेत्रा रोगियों की प्रफी चिकित्सा करूँगा।
डा0 आहूजा जी के इस संकल्प से आशा की किरण जागी और मन में जो

नेत्रा चिकित्सालय प्रारंभ करने का विचार था, वह पूरा होता प्रतीत हुआ। आर्य वीर दल के सभी अध्किारी- कार्यकर्त्ता इसे पूरा करने के लिए प्रयत्नशील हुये। आर्य समाज अर्जुन नगर गुड़गाँव के अध्किारियों से सम्पर्क कर नेत्रा चिकित्सालय हेतु स्थान देने की प्रार्थना की, उन्होंने सहर्ष स्वीकृति प्रदान की। चिकित्सालय हेतु आवश्यक चिकित्सा यन्त्रा, दवाईयाँ, पफर्नीचर आदि की व्यवस्था की गई।

स्थापना/शुभारंभः

रविवार 15 मार्च 1970 को नेत्रा चिकित्सालय का शुभारंभ सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिध् िसभा दिल्ली के कोषाध्यक्ष तथा सुप्रीम कोर्ट के यशस्वी सीनियर एडवोकेट श्री सोमनाथ मरवाह जी ने किया। इस अवसर पर आर्यजगत के अनेकों दानी महानुभाव उपस्थित हुये। सभी ने भरपूर दान प्रदान किया तथा आर्य वीरों को इस पवित्रा कार्य को निःस्वार्थभाव से करने की प्रेरणा दी। नेत्राचिकित्सालय का प्रमुख उद्देश्य निश्चित किया गया। ‘र्ध्म-जाति, गरीब-अमीर देखे बिना रोगी को मुफ्रत चिकित्सा एवम् दवाईयाँ देना।

नेत्रा चिकित्सालय में रोगी जन की समर्पण भाव से 25 वर्ष तक आर्य समाज, अर्जुन नगर में सेवा की गई। नगर ही नहीं दूर-दूर से रोगी आकर चिकित्सा कराकर लाभ उठाने लगे। वर्ष 1980 के आस-पास गुड़गाँव जिला के मेवात क्षेत्रा के गाँव से एक रोगी पैदल चलकर चिकित्सालय में आया। डा0 आहूजा ने उसे देखा और कहा कि यदि एक-दो दिन और नहीं आते तो सदा के लिये नेत्रा ज्योति खो बैठते। एक सप्ताह से अध्कि समय तक उसे आर्य समाज अर्जुन नगर में रखकर उसकी चिकित्सा की गई, भोजन, रहने का मुपफ्त प्रबन्ध् किया गया। परमात्मा की कृपा हुई और वह ठीक होकर अपने घर गया। साप्ताहिक नेत्रा चिकित्सा, वर्ष में दो बार आँखों के आप्रेशन कैम्प लगाये गये। स्थान सीमित होने के कारण चिकित्सा विस्तार नहीं हो पा रहा था। कार्यकारिणी ने भूमि लेने और भवन बनाने का निर्णय लिया। वर्ष 1977 में भूमि खरीदी गई जोकि उस समय के नेत्रा चिकित्सालय के प्रधन स्व0 पफतेहचन्द्र अग्रवाल द्वारा दिल्ली से चावड़ी बाज़ार के दानी माहानुभावों से इकट्ठा कर ज़मीन उन के प्रयत्नों से खरीदी गई। निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ परन्तु पड़ोसी द्वारा भूमि पर विवाद उत्पन्न कर, न्यायालय में चला गया। विभिन्न न्यायालयों से जीत कर पुनः 1990 में निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया।

1100 वर्ग गज़ ;10,000 वर्ग पुफटद्ध भूमि में बेसमैन्ट, भूमितल वर्ष 1995 में बन कर तैयार हुआ। चिकित्सालय की स्थापना का रजत जयन्ती वर्ष था और इसे 15 मार्च 1995 को नव-निर्मित भवन पर समारोह पूर्वक मनाया गया। चिकित्सालय का सेवा कार्य यहीं प्रारंभ कर दिया गया। जोकि पहले की भाँति सप्ताह में एक बार रोगियों को देखा जाता था और सामान्य चिकित्सा विभाग रोज प्रातः रोगियों की देख-रेख होती थी। परन्तु यह कार्य अब पूरा सप्ताह रविवार को छोड़कर किया जा रहा है।

उपलब्ध्यिाँ/सुविधएँ

* इस समय भवन आधुनिक सुविधओं से युक्त है।
* आधुनिक चिकित्सा यन्त्रों द्वारा जाँच की जाती है। आप्रेशन में लैंस प्रफी लगाये जाते हैं।
* सुयोग्य अनुभवी चिकित्सकों द्वारा चिकित्सा तथा नेत्रा आप्रेशन सप्ताह में 3 से 4 बार किये जाते हैं।
* आधुनिक क जाँच मशीनों से युक्त लैब है। जहाँ सुयोग्य पैथोलोजिस्ट की देख-रेख में लागत मूल्य पर जाँच की जाती है।
* सामान्य चिकित्सा विभाग में सुयोग्य चिकित्सक चिकित्सा करते हैं।
* रोगी से रोगी पर्ची के मात्रा ृ 30 रुपये लेकर विशेषज्ञ चिकित्सक से जाँच, चिकित्सा तथा नेत्रा रोगी को एक सप्ताह की दवाई मुफ्रत दी जाती है और सामान्य रोगी को 3 दिन की दवाई मुफ्रत दी जाती है।
* प्रत्येक शनिवार अलग-अलग रोगों की जाँच हेतु विशेषज्ञ आते हैं।
* रोगियों के आपरेशन विशेष लैंस लागत मूल्य पर लगाकर भी किये जाते हैं।


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